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GK KHILJI DYNASTY(खिलजी वंश)

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खिलजी वंश  गुलाम वंश के बाद दिल्ली सल्तनत पर खिलजी वंश (Khilji Dynasty Ruled Delhi Sultanate after Slave Dynasty) को हकूमत चली। खिलजी अफ़्ग़ानिस्तान के मेलमंद नदी(Melmand River of Afganistan) की किनारे रहने वाली जाती थी।  जलालुद्दीन फ़िरोज़ खिलजी (1290- 1296 AD)                                                         Qutub Minar Complex गुलाम वंश के क्यूमर्स को मारने के पश्चात जलालुद्दीन फ़िरोज़ खिलजी (Khilji Dynasty founded by Jalaluddin Firoz Khilji) ने खिलजी वंश की नींव दिल्ली सल्तनत में डाली।  इस वंश की स्थापना खिलजी  क्रांति (Khilji Kranti) में नाम से भी जाना जाता है।  यह दिल्ली सल्तनत का पहला शासक था(First Sultan who had the view that majority of people in India are Hindus, the state could not be total Islam State) जिसने हिन्दू जनता के प्रति भी उदार दृश्टिकोण रखा।   इन्होने धर्म और उलेमा के महत्व  को अस्विकार ( Rejected the importance of Religion and Ulemas)  कर दिया।   जलालुद्दीन खिलजी ने अपनी राजधानी किलोखरी  (Kilokhari, Near to Delhi) में बनाई।   रा

GK Slave Dynasty(गुलाम वंश )

गुलाम वंश  इस वंश को गुलाम वंश (Slave Dynasty) इसीलिए कहा जाता हैं क्योंकि इस वंश के तीन शासक पहले दास       (slaves) थे।   क़ुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210)                                                                          Qutub Minar मुहम्मद गोरी की मृत्यु के पश्चात  सेनानायक क़ुतुबुद्दीन ऐबक जो की पहले गोरी का गुलाम था ने 1206 AD में गुलाम वंश की स्थापना की।   क़ुतुबुद्दीन ऐबक पहले दिल्ली का गवर्नर (Governor of Delhi)था।  ऐबक की शादी यल्दौज (Married to the Daughter of Yaldoz) की बेटी से हुई थी।  उसकी राजधानी लाहौर थी। उसने क़ुतुबमीनार का निर्माण कार्य प्रारम्भ करवाया।   क़ुतुबुद्दें ऐबक ने अपनी दूसरी पुत्री की शादी(Married his daughter to Iltutmish) इल्तुतमिश से की। 1208 AD में क़ुतुबुद्दीन को  सुल्तान की मान्यता मिली।     दानशील और उदार होने (Was famous for his generosity)के कारण क़ुतुबुद्दीन ऐबक को  हातिम  द्धितीय  तथा लखबक्श(Lakhbakhs- giver of lakhs) की संज्ञा दी गई।  क़ुतुबुद्दीन ऐबक का सहायक सेनापति बख्तियार खिलजी था।  बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्

GK TUGLAQ DYNASTY (तुग़लक़ वंश)

तुग़लक़ वंश (1320- 1398 AD) गयासुद्दीन तुग़लक़ (1320-1325 AD) खिलजी वंश के आखिरी शासक खुसरो खान का वध करने के पश्चात ग्यासुद्दीन तुग़लक़ ने तुग़लक़ वंश की स्थापना 8 सितम्बर 1320 AD में की।   उसका असली नाम गाज़ी मालिक था।  29 बार मंगोलो के आक्रमणों (Mongol Invaded 29 times in India but Tuglaq made their invasion unsuccessful) को ग्यासुद्दीन ने असफल कर दिया।                                                          Giyasuddin Tuglaq Tomb सिंचाई के कुँओं तथा नहरों को(Build canals, bells for Irrigation) निर्माण करवाया तथा अकाल संहिता का निर्माण भी करवाया । यातायात व्यस्था और डाक प्रणाली (Transportation system and Postal System was renovated during his time)  को दरुस्त करने का श्रेय भी इसी को ही जाता है। डाक लाने के लिए घुड़सवारों (Appointed horse riders) को भी नियुक्त किया। परन्तु यह सेवा जन साधारण के लिए नहीं थी।  ग्यासुद्दीन की सेना मंगोल(Mangol), गिज़(Giz), राजपूत(Rajput), रूमी, खुरासानी और मेवाती वर्ग के लोग भी थे।  गयासुद्दीन ने दिल्ली के नज़दीक तुग़लक़ाबाद(Capit